संस्कृत संचिता (भाग 5 से 8 तक) की रचना नवीनतम् पाठ्यक्रम के अनुसार की गई है। यह संस्कृत भाषा के प्रति स्वाभिमान जगाने का एक अनूठा प्रयास है।
भाषा एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने विचार दूसरों के सम्मुख रख पाते हैं और उनके विचारों को ग्रहण कर पाते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए संस्कृत संचिता शृंखला की रचना की गई है ताकि विद्यार्थीगण इससे लाभान्वित हो सकें। इस पुस्तक शृंखला में भाषा के सभी कौशलों (श्रवण, वाचन, लेखन, पठन एवं अवबोधन) को ध्यान में रखकर विषय-वस्तु का चयन किया गया है, जिससे विद्यार्थीगण इसे हृदयंगम कर सकें।